लीड (परिचय)

बिहार के मोकामा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार अवधि में एक आरोपित हत्या के बाद राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है। यहाँ एक समर्थक की हत्या के मामले में जेयू(यू) उम्मीदवार अनंत सिंह को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना ने न केवल इस सीट पर बल्कि राज्य के चुनावी माहौल पर गहरा असर डाला है।

घटना की बारीकी

  • घटना दिनांक 30 अक्टूबर 2025 को हुई जब मोकामा क्षेत्र के तारतर गाँव के पास दो प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक समूहों में झड़प हुई।
  • मृतक हैं दुलारचंद यादव (75 वर्ष) — जो कि जन सुराज पार्टी के समर्थक थे और प्रचार सामग्री वितरित कर रहे थे।
  • घटना के समय मौजूद रिपोर्टों के अनुसार, प्रतियोगी उम्मीदवारों के काफिले के बीच टकराव हुआ था और वाहन, पत्थरबाजी तथा अन्य हिंसात्मक कार्य शामिल थे।
  • पोस्टमॉर्टम में मौत का कारण कार्डियो-रेस्पिरेटरी फेल्योर बताया गया है, जो कि हार्ट-लंग में चोट से हुआ था।

गिरफ्तारी और कार्रवाई

  • पुलिस ने 2 नवंबर 2025 को पटना पुलिस द्वारा अनंत सिंह को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी रात देर से हुई थी।
  • इसके साथ ही दो अन्य आरोपियों — मणिकांत ठाकुर एवं रणजीत राम — को भी हिरासत में लिया गया।
  • चुनाव आयोग (EC) ने इस घटना के बाद मोकामा एवं पटना ग्रामीण इलाके में कानून-व्यवस्था को लेकर बड़ी कार्यवाही की है: इलाकाई पुलिस अधिकारियों के तबादले तथा अन्य प्रशासनिक कदम उठाए गए।

राजनीतिक मायने एवं प्रभाव

  • यह मामला उस समय सामने आया है जब बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसलिए राजनीति में इसकी गूंज अधिक है।
  • मोकामा सीट पर तीन बड़े गठबंधनों / पार्टियों के उम्मीदवार हैं — जिसमे जेयू(यू) ने अनंत सिंह को टिकट दिया है, वहीं जन सुराज पार्टी ने एक प्रतिद्वंद्वी मैदान में उतारा है।
  • इस घटना ने बिहार में राजनीति में अपराधियों और बाहुबलियों की भूमिका पर पुनः बहस जगा दी है।

कानून-व्यवस्था पर प्रश्न

  • मृतक के मामले में पुलिस की पहुँच देर से हुई थी और कई साक्ष्य जुटने के क्रम में देरी हुई।
  • चुनाव आयोग ने मानक आचार संहिता (Model Code of Conduct) के उल्लंघन, प्रशासनिक सुस्ती और जन‌शांति खतरे को देखते हुए तुरंत प्रशासनिक बदलाव किए।

आगे क्या होगा?

  1. पुलिस आरोपियों के विरुद्ध विस्तृत जांच कर रही है, अन्य सहयोगियों की गिरफ्तारी की संभावना है।
  2. अदालत में अभियोजन जारी रहेगा, तथा आगामी वोटिंग और इसकी विश्वसनीयता पर प्रहार हो सकता है।
  3. इस घटना का चुनावी परिणामों पर असर हो सकता है — विशेष रूप से मोकामा सीट पर और आसपास के इलाकों में।
  4. स्थानीय प्रशासन और आयोग को इस तरह की हिंसा से भविष्य में निपटने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।

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